मुझे एक भरोसा भारी है,
अपने संग राधा प्यारी है,
दुनिया तो सताने वाली है,
ये रस बरसाने वारी है।।
मैं जब बरसाने आऊँ,
मुंह खोलू या ना खोलूं,
मेरी झोली भर दी जाती,
कुछ बोलू या ना बोलू,
मेरे मन की व्यथा सब जानती है,
अंतर मन जानने वाली है,
दुनिया तो सताने वाली है,
ये रस बरसाने वारी है।।
अपनी बगियाँ के फूलो को,
जाने कैसे ये चुन लेती,
मैं घर बैठी कुछ बात करूँ,
वो महलों से सुन लेती,
संदेश भेज कर कोई ना कोई,
पूछे कब आने वाली है,
दुनिया तो सताने वाली है,
ये रस बरसाने वारी है।।
कोई पाप करम ना जाने,
करे माफ़ हुई हर गलती,
मैं कदम रखूँ सीढ़ी पर,
मेरी उँगली पकड़ कर चलती,
और बार बार यही पूछती है,
इस बार तू रुकने वाली है,
दुनिया तो सताने वाली है,
ये रस बरसाने वारी है।।
संतों की कृपा है मुझ पर,
मेरे भीतर जोत है जगी हुई,
राधा रानी सब कुछ जानती है,
मैं कई जन्मों से लगी हुई,
मेरी चीखें सुनकर वो आजाएँगी,
इस बार उमीदे भारी है,
दुनिया तो सताने वाली है,
ये रस बरसाने वारी है।।
मुझे एक भरोसा भारी है,
अपने संग राधा प्यारी है,
दुनिया तो सताने वाली है,
ये रस बरसाने वारी है।।
गायक – हैप्पीशर्मा श्रीहरिदासी जी।
प्रेषक – पंकज कपूर जी।
9873183493