मुझे क्या काम दुनिया से,
विरह में मैं दीवाना हूँ।।
प्यारे की खोज में निशदिन,
फिरा जंगल पहाड़ों में,
पता मुझको नहीं पाया,
गमी में मैं समाना हूँ,
मुझें क्या काम दुनियां से,
विरह में मैं दीवाना हूँ।।
किये जप नेम तप भारी,
उसे मिलने की लालच में,
मिला दर्शन नहीं मुझको,
बहुत दिन से हेराना हूँ,
मुझें क्या काम दुनियां से,
विरह में मैं दीवाना हूँ।।
किसी को योग मन भावे,
किसी को ज्ञान की चर्चा,
प्रेम सागर के पानी में,
हमेशा मैं डुबाना हूँ,
मुझें क्या काम दुनियां से,
विरह में मैं दीवाना हूँ।।
बसी दिल बीच में मेरे,
छबि दिलदार की सुंदर,
वो ‘ब्रम्हानंद’ तन मन की,
सुधी सारी भुलाना हूँ,
मुझें क्या काम दुनियां से,
विरह में मैं दीवाना हूँ।।
मुझे क्या काम दुनिया से,
विरह में मैं दीवाना हूँ।।
Singer – Anil Singhal