मुझे ओ सांवरे करुणा की,
गंगा में बहा लेना,
मैं जब लूँ आखरी सांसे,
मुझे खाटू बुला लेना,
मुझे ओ साँवरे करुणा की,
गंगा में बहा लेना।।
तर्ज – मुझे तेरी मोहब्बत का।
बुझे जब दीप नेनो के,
छवि इनमे तुम्हारी हो,
ना हो मेला जमाने का,
ना हो मेला जमाने का,
प्रभु हो और पुजारी हो,
निभाई आज तक जैसे,
बस ऐसी ही निभा लेना,
मैं जब लूँ आखरी सांसे,
मुझे खाटू बुला लेना,
मुझे ओ साँवरे करुणा की,
गंगा में बहा लेना।।
पिता तूम हो तुम्ही माता,
तुम्ही बहना हो भाई हो,
ओं सावरिया तुम्ही पहली,
ओं सावरिया तुम्ही पहली,
तुम्ही अंतिम कमाई हो,
तुम्हे मैं चाहता हूँ,
अपने ह्रदय में छुपा लेना,
मैं जब लूँ आखरी सांसे,
मुझे खाटू बुला लेना,
मुझे ओ साँवरे करुणा की,
गंगा में बहा लेना।।
गँवा दी जिंदगी मैंने,
जमाने से निभाने में,
कभी हसने हसाने में,
कभी हसने हसाने में,
कभी रोंने रुलाने में,
बचे बाकि जो पल चाहूँ,
मैं तेरे संग बिता लेना,
मैं जब लूँ आखरी सांसे,
मुझे खाटू बुला लेना,
मुझे ओ साँवरे करुणा की,
गंगा में बहा लेना।।
मुझे ओ सांवरे करुणा की,
गंगा में बहा लेना,
मैं जब लूँ आखरी सांसे,
मुझे खाटू बुला लेना,
मुझे ओ साँवरे करुणा की,
गंगा में बहा लेना।।
Singer : Sandeep Bansal