मुझे सांवरे के दर से,
कुछ खास मिल गया है,
जो अब तलक ना टूटा श्याम,
जो अब तलक ना टूटा,
वो विश्वास मिल गया है,
मुझे साँवरे के दर से,
कुछ खास मिल गया है।।
तर्ज – आए हो मेरी जिंदगी में।
इसके भरोसे मैं तो,
आगे ही बढ़ता जाता,
हो लाख राहें धुंधली,
पर डर नहीं सताता,
ये साथ चल रहा है,
एहसास मिल गया है,
जो अब तलक ना टूटा श्याम,
जो अब तलक ना टूटा,
वो विश्वास मिल गया है,
मुझे साँवरे के दर से,
कुछ खास मिल गया है।।
जबसे जुड़ा हूँ दर से,
मेरी मौज हो गयी है,
होली दिवाली मेरी,
अब रोज़ हो गई है,
अंधियारे मन को मेरे,
प्रकाश मिल गया है,
जो अब तलक ना टूटा श्याम,
जो अब तलक ना टूटा,
वो विश्वास मिल गया है,
मुझे साँवरे के दर से,
कुछ खास मिल गया है।।
क्या होगा क्या ना होगा,
जब दिल समझ ना पाया,
‘सोनू’ भरोसा इसका,
उस वक़्त काम आया,
मुझे हारने ना देगा,
आभास मिल गया है,
जो अब तलक ना टूटा श्याम,
जो अब तलक ना टूटा,
वो विश्वास मिल गया है,
मुझे साँवरे के दर से,
कुछ खास मिल गया है।।
मुझे सांवरे के दर से,
कुछ खास मिल गया है,
जो अब तलक ना टूटा श्याम,
जो अब तलक ना टूटा,
वो विश्वास मिल गया है,
मुझे साँवरे के दर से,
कुछ खास मिल गया है।।
Singer – Tatsha Gupta