मुझे तेरा अगर कान्हा,
सहारा ना मिला होता,
भटकती नाव तूफा में,
किनारा ना मिला होता,
मूझे तेरा अगर कान्हा,
सहारा ना मिला होता।।
तर्ज – मुझे तेरी मोहब्बत का।
पुकारा लाख अपनों को,
किसी ने मुड़ के ना देखा,
बदल दी सावरे तूने,
मेरी बिगड़ी हुई रेखा,
तेरी रेहमत जो ना होती,
गुजारा चला ना होता,
भटकती नाव तूफा में,
किनारा ना मिला होता,
मूझे तेरा अगर कान्हा,
सहारा ना मिला होता।।
बरसती आँख को पोछा,
मुझे हसना सिखाया है,
मेरी मुरझाई बगिया को,
करिने से सजाया है,
बिना तेरे चमन मेरा,
दुबारा ना खिला होता,
भटकती नाव तूफा में,
किनारा ना मिला होता,
मूझे तेरा अगर कान्हा,
सहारा ना मिला होता।।
अर्ज मंजूर इतनी सी,
तेरे इस दास की कर दे,
जुबा से ‘हर्ष’ की कान्हा,
तुम्हारा नाम ही निकले,
तेरे बिन दाग किस्मत का,
हमारा ना धुला होता,
भटकती नाव तूफा में,
किनारा ना मिला होता,
मूझे तेरा अगर कान्हा,
सहारा ना मिला होता।।
मुझे तेरा अगर कान्हा,
सहारा ना मिला होता,
भटकती नाव तूफा में,
किनारा ना मिला होता,
मूझे तेरा अगर कान्हा,
सहारा ना मिला होता।।
Singer : Mukesh Bagda