मुझको है भरोसा तू,
मेरी लाज बचाएगा,
तेरे होते खाटू वाले,
मुझे कौन हराएगा,
मुझको है भरोंसा तू,
मेरी लाज बचाएगा।।
तर्ज – एक प्यार का नगमा है।
हाथों की लकीरों में,
क्यों ढूँढू मैं खुशियाँ,
जब जीवन ये अपना,
अब तुमको सौंप दिया,
अब तो होगा वो ही,
जो श्याम तू चाहेगा,
तेरे होते खाटू वाले,
मुझे कौन हराएगा,
मुझको है भरोंसा तू,
मेरी लाज बचाएगा।।
मैं तेरी शरण में हूँ,
है सर पर हाथ तेरा,
मेरे ऊपर साया,
बाबा दिन रात तेरा,
गम का ये धुआं मुझको,
कभी छू नहीं पाएगा,
तेरे होते खाटू वाले,
मुझे कौन हराएगा,
मुझको है भरोंसा तू,
मेरी लाज बचाएगा।।
हारों ने पहले ही,
तेरी शरण जो ली होती,
सच कहता हूँ उनकी,
कभी हार नहीं होती,
जो हार के आया है,
वो जीत के जाएगा,
तेरे होते खाटू वाले,
मुझे कौन हराएगा,
मुझको है भरोंसा तू,
मेरी लाज बचाएगा।।
‘सोनू’ प्रेमी सबसे,
दरबार में कहते है,
है पास हमारे जो,
वो आप के चलते है,
विश्वास ये पक्का है,
कभी टूट ना पाएगा,
तेरे होते खाटू वाले,
मुझे कौन हराएगा,
मुझको है भरोंसा तू,
मेरी लाज बचाएगा।।
मुझको है भरोसा तू,
मेरी लाज बचाएगा,
तेरे होते खाटू वाले,
मुझे कौन हराएगा,
मुझको है भरोंसा तू,
मेरी लाज बचाएगा।।
स्वर – मुकेश बागड़ा जी।