मुलताई में रहने वाली,
मुलताई से बहने वाली,
तू है ताप्ती माई,
लाखों की बिगड़ी बनाई,
तूने लाखों की बिगड़ी बनाई,
मुलताई में रहने वाली।।
तर्ज – दुनिया बनाने वाले।
खाली ना लौटा कोई,
ताप्ती तेरे दर से,
मन की मुरादे मिली,
झोली भर भर के,
कैसा लगाया तूने,
मुलताई में मेला,
जो भी आया है उसने,
डाला है डेरा,
अपने भक्तों की ताप्ती,
तुमने लाज बचाई,
लाखों की बिगड़ी बनाई,
तूने लाखों की बिगड़ी बनाई,
मुलताई में रहने वाली।।
पानी में तुमने माई,
अस्थि गलाई,
अपने भक्तों को तूने,
जन्नत दिखाई,
तेरी नगरी में माई,
काशी और मथुरा,
तेरी मुलताई में माई,
शिव का शिवाला,
मुलताई में तुमने माई,
कैसी धूम मचाई,
लाखों की बिगड़ी बनाई,
तूने लाखों की बिगड़ी बनाई,
मुलताई में रहने वाली।।
तुम हो दयालु माई,
दया की सागर,
दया से भर दो,
मेरी भी गागर,
मैं भी आया हूं मैया,
शरण तुम्हारी,
मेरी भी ताप्ती मैया,
बिगड़ी बना दो,
तेरी कृपा हो मुझ पर,
मेरी है असली कमाई,
लाखों की बिगड़ी बनाई,
तूने लाखों की बिगड़ी बनाई,
मुलताई में रहने वाली।।
मुलताई में रहने वाली,
मुलताई से बहने वाली,
तू है ताप्ती माई,
लाखों की बिगड़ी बनाई,
तूने लाखों की बिगड़ी बनाई,
मुलताई में रहने वाली।।
– भजन गायक एवं प्रेषक –
पवन कुमार साहू
09617171315
https://youtu.be/Fg2uShRagng