मुण्डारा माताजी रो मेलो आयो,
दोहा – अरे मुण्डारा ने कुण जानता,
ओर छोटो सो एक गाँव,
माँ चामुण्डा प्रकटीया,
ओ हुवो चार खुट मे नाम।
मुण्डारा माताजी रो मेलो आयो,
माँ चामुण्डा रो मेलो आयो ओ,
मेला में ढोल नगाडा बाजे ओ,
झीण पडे।।
अरे पाली जिला मे आयो देवरो,
अरे पाली जिला मे आयो देवरो,
ए जाने दुनिया सारी ओ,
झीण पडे,
अरे जाने दुनिया सारी ओ,
झीण पडे,
मूण्डारा माताजी रो मेलो आयो,
माँ चामुण्डा रो मेलो आयो ओ,
मेला में ढोल नगाडा बाजे ओ,
झीण पडे।।
अरे दूर दूर सु आवे जातरू,
दूर दूर सु आवे जातरू,
बालक नर ने नारी,
ओ झीण पडे,
बालक नर ने नारी,
झीण पडे,
मूण्डारा माताजी रो मेलो आयो,
माँ चामुण्डा रो मेलो आयो ओ,
मेला में ढोल नगाडा बाजे ओ,
झीण पडे।।
अरे गेर घूमालो फेरे घागरो,
अरे गेर घूमालो फेरे घागरो,
ओडन चीकनी चीर ओ,
झीण पडे,
माताजी ओडन चीकनी चीर ओ,
झीण पडे,
मूण्डारा माताजी रो मेलो आयो,
माँ चामुण्डा रो मेलो आयो ओ,
मेला में ढोल नगाडा बाजे ओ,
झीण पडे।।
अरे माताजी रा परचा भारी,
अरे माताजी रा परचा भारी,
आवे दुनिया सारी,
ओ झीण पडे,
आवे दुनिया सारी ओ झीण पडे,
माताजी रो मेलो आयो,
झीण पडे,
ओ भवानी रो मेलो आयो,
झीण पडे।।
अरे महिमा दास कन्हैयो गावे,
ओ झीण पडे,
अरे महिमा दास कन्हैयो गावे,
ओ झीण पडे,
मूण्डारा माताजी रो मेलो आयो,
माँ चामुण्डा रो मेलो आयो ओ,
मेला में ढोल नगाडा बाजे ओ,
झीण पडे।।
मूण्डारा माताजी रो मेलो आयो,
माँ चामुण्डा रो मेलो आयो ओ,
मेला में ढोल नगाडा बाजे ओ,
झीण पडे।।
गायक – संत कन्हैयालाल जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818