मुरलिया वाले,
कब आओगे म्हारे देश।।
बचपन बीता बीती जवानी,
पड़ गया बाल सफेद,
मुरलिया वालें,
कब आओगे म्हारे देश।।
लिख लिख पतिया हार गई मैं,
लिख डाले संदेश,
मुरलिया वालें,
कब आओगे म्हारे देश।।
मोहिनी मूरत सांवरी सूरत,
घू़्ंगर वाला केश,
मुरलिया वालें,
कब आओगे म्हारे देश।।
मुरलिया वाले,
कब आओगे म्हारे देश।।
स्वर – श्री हल्केराम जी कुशवाह।
प्रेषक – सुरेश धाकड़ बाला खेड़ा।
975314644