ना देनो तो ना कर दे,
क्यों नाच नचावे रे,
टाबरिया चौखट पर बैठ्या,
आस लगावे रे,
टाबरिया चौखट पर बैठ्या,
आस लगावे रे।।
तीन लोक में सांवरिया,
तेरो ही डंको बाजे रे,
खाली हाथ चला ज्यावा तो,
तेरी ही चौखट लाजे रे,
नैना बरसे नीर सांवरा,
नैना बरसे नीर सांवरा,
तू मुस्कावे रे,
टाबरिया चौखट पर बैठ्या,
आस लगावे रे।।
बाबूजी तो मौज करे और,
बेटा फांका मारे रे,
मैं दुनिया में सुण्या ना देख्या,
क्यों ना बात विचारे रे,
सरका दे थोड़ो सो तेरो,
सरका दे थोड़ो सो तेरो,
के घट जावे रे,
टाबरिया चौखट पर बैठ्या,
आस लगावे रे।।
भूल चूक कोई होगी तो,
माफ़ करो म्हे टाबरिया,
मंदिर में तेरे घंटा बाजे,
घर में मेरे पायलिया,
‘लहरी’ जोडू हाथ सांवरा,
‘लहरी’ जोडू हाथ सांवरा,
क्यों तरसावे रे,
टाबरिया चौखट पर बैठ्या,
आस लगावे रे।।
ना देनो तो ना कर दे,
क्यों नाच नचावे रे,
टाबरिया चौखट पर बैठ्या,
आस लगावे रे,
टाबरिया चौखट पर बैठ्या,
आस लगावे रे।।
स्वर – उमा लहरी जी।