ना डिस्को जाएंगे,
ना होटल जाएंगे,
नया साल साँवरिया,
तेरे दर पे मनाएंगे,
ना डिस्को जायेंगे,
ना होटल जाएंगे,
नया साल साँवरिया,
तेरे दर पे मनाएंगे।।
तर्ज – सावन का महीना।
मीठे मीठे भजनों से,
तुझको रिझाए,
साँवली सूरत पे कान्हा,
दिल को लुभाए,
तेरी मोरछड़ी का,
झाड़ा लगवाएंगे,
नया साल साँवरिया,
तेरे दर पे मनाएंगे।।
ना डिस्को जायेंगे,
ना होटल जाएंगे,
नया साल साँवरिया,
तेरे दर पे मनाएंगे।।
भजनों की धुन पे यूँ,
ठुमके लगाए,
दुनिया के सारे दुःख,
हम भूल जायेंगे,
खुद तो नाचे बाबा,
तुझको भी नचाएंगे,
नया साल साँवरिया,
तेरे दर पे मनाएंगे।।
ना डिस्को जायेंगे,
ना होटल जाएंगे,
नया साल साँवरिया,
तेरे दर पे मनाएंगे।।
ना डिस्को जाएंगे,
ना होटल जाएंगे,
नया साल साँवरिया,
तेरे दर पे मनाएंगे,
ना डिस्को जायेंगे,
ना होटल जाएंगे,
नया साल साँवरिया,
तेरे दर पे मनाएंगे।।