ना फूलों का हार,
ना आरती का थार,
ना लाया कुछ उपहार,
केवल मेरा वंदन लो,
केवल मेरा वंदन लो।।
तर्ज – ना कजरे की धार।
मैं जानता नही हूँ,
पूजा है कैसे होती,
स्वीकार करना स्वामी,
श्रद्धा के निर्मल मोती,
तू विधाता तू ही दाता,
तुझे मै क्या दू करतार,
ना फूलो का हार,
ना आरती का थार,
ना लाया कुछ उपहार,
केवल मेरा वंदन लो,
केवल मेरा वंदन लो।bd।
तेरा नाम सच्चा सौदा,
तेरा ध्यान सुख की धारा,
तेरी वंदना के आगे,
फीका लागे जग सारा,
तेरी साधना आराधना,
जीवन का है श्रृंगार,
ना फूलो का हार,
ना आरती का थार,
ना लाया कुछ उपहार,
केवल मेरा वंदन लो,
केवल मेरा वंदन लो।।
तेरा दिल दया का सागर,
एक बूंद का मै प्यासा,
तू ही समझ सकता है,
हर दिल की मुख भाषा,
इस मन की निर्धन की,
सुन लेना करुण पुकार,
ना फूलो का हार,
ना आरती का थार,
ना लाया कुछ उपहार,
केवल मेरा वंदन लो,
केवल मेरा वंदन लो।।
नाचे सदा अधरों पे,
मुस्कान तेरे वर से,
विश्वास का ये धागा,
बांधा है तेरे दर से,
ना ये टूटे ना ये छूटे,
अब ‘गजेसिंह’ से द्वार,
ना फूलो का हार,
ना आरती का थार,
ना लाया कुछ उपहार,
केवल मेरा वंदन लो,
केवल मेरा वंदन लो।bd।
ना फूलों का हार,
ना आरती का थार,
ना लाया कुछ उपहार,
केवल मेरा वंदन लो,
केवल मेरा वंदन लो।।
Singer – Aman Saraf