ना जाने किस रूप में आकर,
काम मेरा कर जाता है,
जब भी दिल से श्याम पुकारू,
लीले चढ़ आ जाता है।।
तर्ज – तेरी कृपा से श्याम प्रभु।
दर दर भटक रहा था मैं तो,
मिलता नहीं सहारा,
जीवन नईया बीच भंवर में,
दूर बहुत था किनारा,
बनकर मांझी मझधार से,
पार मुझे कर जाता है,
जब भी दिल से श्याम पुकारू,
लीले चढ़ आ जाता है।।
तेरी दया से ओ सांवरिया,
चलता है परिवार मेरा,
खुशियां दे दी इतनी तूने,
महक रहा संसार मेरा,
जब जब मुझ पे संकट आता,
तू ही साथ निभाता है,
जब भी दिल से श्याम पुकारू,
लीले चढ़ आ जाता है।।
सुख भी आये दुख भी आये,
हर पल लिया है नाम तेरा,
छोड़ दिया था अपनों ने,
फिर तुमने पकड़ा हाथ मेरा,
बना ‘गोपाल’ का तुमसे अब तो,
जन्मों का ये नाता है,
जब भी दिल से श्याम पुकारू,
लीले चढ़ आ जाता है।।
ना जाने किस रूप में आकर,
काम मेरा कर जाता है,
जब भी दिल से श्याम पुकारू,
लीले चढ़ आ जाता है।।
Singer – Shalu Aarohi
Lyrics – Sh. Gopal Krishan Sharma
9381188890