ना जरुरत उसे पूजा और पाठ की,
जिसने सेवा करी अपने माँ बाप की,
रहता भगवान उसके सदा साथ है,
बन गया जो ख़ुशी अपने माँ बाप की,
ना जरुरत उसे पुजा और पाठ की,
जिसने सेवा करी अपने माँ बाप की।।
तर्ज – आज कल और कुछ याद।
छोड़ चिंता सभी न गमो से डरो,
बूढ़े माँ बाप की आप सेवा करो,
उसकी करता है चिंता जगत का पिता,
जिसको चिंता लगी अपने माँ बाप की,
ना जरुरत उसे पुजा और पाठ की,
जिसने सेवा करी अपने माँ बाप की।।
देखती उनकी रस्ता यहाँ हर ख़ुशी,
जिसने माँ बाप पे वार दी जिंदगी,
न मुसीबत डरा पायी उनको कभी,
दुआ जिनको मिली अपने माँ बाप की,
ना जरुरत उसे पुजा और पाठ की,
जिसने सेवा करी अपने माँ बाप की।।
याद रखता नहीं क्यों ये इंसान है,
जिसने जीवन दिया वो ही भगवान है,
उसके जीवन में दुःख कोई आता नहीं,
जिसके दिल में छवि अपने माँ बाप की,
ना जरुरत उसे पुजा और पाठ की,
जिसने सेवा करी अपने माँ बाप की।।
डांटता है पिता तो है उसका सबब,
माँ की ममता को समझेगा पागल तू कब,
वो सदा खुश रहा ना हुआ है दुखी,
जिसने बाते सुनी अपने माँ बाप की,
ना जरुरत उसे पुजा और पाठ की,
जिसने सेवा करी अपने माँ बाप की।।
‘बेधड़क’ कह रहा बात दिल से लगा,
अपने माँ बाप को तुम न देना दाग,
नूर बन के यहाँ वो चमकने लगा,
जो बना रोशनी अपने माँ बाप की,
ना जरुरत उसे पुजा और पाठ की,
जिसने सेवा करी अपने माँ बाप की।।
ना जरुरत उसे पूजा और पाठ की,
जिसने सेवा करी अपने माँ बाप की,
रहता भगवान उसके सदा साथ है,
बन गया जो ख़ुशी अपने माँ बाप की,
ना जरुरत उसे पुजा और पाठ की,
जिसने सेवा करी अपने माँ बाप की।।
Singer : Sheetal Pandey