नाम ले लो नारायण को,
दोहा – दुनिया माहीं आने की,
तुने हरि से करी अरदास,
बाहर आकर तोड़ दिया,
भगवत का विश्वास।
नाम ले लो नारायण को,
पुण्य कमालो जीवन को,
बिन नैया वे जावे भव से पार,
साथिड़ा ओ,
बिन नैया वे जावे भव से पार।।
झुठी दुनिया माहीं फसगियां,
हरि नाम ने लेता ढ़बगियां,
गर्भा माहीं होगन खागियां,
बाहर निकल दुजा बणगियां,
मत कर काम बुराई को,
बिन नैया वे जावे भव से पार,
साथिड़ा ओ,
बिन नैया वे जावे भव से पार।।
झुठ जाल में चालण लागो,
पापिड़ा के संग में लागो,
दुनिया जरबां खावण लागो,
उल्टे गेले चालण लागो,
कर लो काम भलाई को,
बिन नैया वे जावे भव से पार,
साथिड़ा ओ,
बिन नैया वे जावे भव से पार।।
मूंगा मोला जन्म पायो,
चौरासी में भटकत आयो,
समझो भाया बात गुरु की,
केवे भाया बात लेणकी,
केणो मान गुराई को,
बिन नैया वे जावे भव से पार,
साथिड़ा ओ,
बिन नैया वे जावे भव से पार।।
दुनिया दारी छोड़ चालणो,
पुण्य करम ही साथे जावणो,
यम ने लेखो जाय देवणो,
‘रतन’ करले किशन केणो,
छोड़ करम खोटाई को,
बिन नैया वे जावे भव से पार,
साथिड़ा ओ,
बिन नैया वे जावे भव से पार।।
नाम लेलो नारायण को,
पुण्य कमालो जीवन को,
बिन नैया वे जावे भव से पार,
साथिड़ा ओ,
बिन नैया वे जावे भव से पार।।
गायक व रचना – पं. रतनलाल प्रजापति।
सहयोगी – श्रीप्रजापति मण्डल चौगांवडी़।
7627022556