प्यारी लागे प्यारी लागे,
प्यारी लागे आ,
नगर रुनीचा म्हाने,
प्यारी लागे,
धोरा वाली धरती माही,
धाम प्यारो लागे,
द्वारिका रा नाथ,
बाबा रामदेव बिराजे,
प्यारी लागे प्यारी लागे,
प्यारी लागे आ,
नगर रूणिचा म्हाने,
प्यारी लागे।।
रूनीचा रा नाथ बाबा,
कलयुग रा अवतारी,
भक्तों रा रखवाला बाबा,
तंवर वंश तपधारी,
प्यारी लागे प्यारी लागे,
प्यारी लागे आ,
नगर रूणिचा म्हाने,
प्यारी लागे।।
ए रुणझुण रुणझुण,
घुंगरा जी बाजे,
रूनीचा नगरी में बाबो,
घोडलीयो घुमावे,
प्यारी लागे प्यारी लागे,
प्यारी लागे आ,
नगर रूणिचा म्हाने,
प्यारी लागे।।
लाखु बिन्जारो भर,
मिसरी लायो,
मिसरी ने बाबो,
लूण बनायो,
प्यारी लागे प्यारी लागे,
प्यारी लागे आ,
नगर रूणिचा म्हाने,
प्यारी लागे।।
चौपड़ खेलता,
भुजा है पसारी,
डुबत नाव सेठ,
बोयता री तारी,
प्यारी लागे प्यारी लागे,
प्यारी लागे आ,
नगर रूणिचा म्हाने,
प्यारी लागे।।
रानी नेतलदे संग,
ब्याव रचावे,
पांगलीया रानी ने,
बाबो पगा चलावे,
प्यारी लागे प्यारी लागे,
प्यारी लागे आ,
नगर रूणिचा म्हाने,
प्यारी लागे।।
रतना राईका ने,
कैद सु छुडावे,
बाई सुगना रा,
कष्ट मिटावे,
प्यारी लागे प्यारी लागे,
प्यारी लागे आ,
नगर रूणिचा म्हाने,
प्यारी लागे।।
भादवा री बीज माई,
मेलो लागे भारी,
दर्शन करवा आवे,
दुनिया सारी,
प्यारी लागे प्यारी लागे,
प्यारी लागे आ,
नगर रूणिचा म्हाने,
प्यारी लागे।।
साचे मन सु,
जो कोई ध्यावे,
आस पुरावे डुबत,
नैया जी तारे,
प्यारी लागे प्यारी लागे,
प्यारी लागे आ,
नगर रूणिचा म्हाने,
प्यारी लागे।।
*मनीष सीरवी*,
कलम चलावे,
बबलू सोनु,
हिलमिल गावे,
प्यारी लागे प्यारी लागे,
प्यारी लागे आ,
नगर रूणिचा म्हाने,
प्यारी लागे।।
प्यारी लागे प्यारी लागे,
प्यारी लागे आ,
नगर रुनीचा म्हाने,
प्यारी लागे,
धोरा वाली धरती माही,
धाम प्यारो लागे,
द्वारिका रा नाथ,
बाबा रामदेव बिराजे,
प्यारी लागे प्यारी लागे,
प्यारी लागे आ,
नगर रूणिचा म्हाने,
प्यारी लागे।।
गायक – बबलू जी अंखिया व सोनु जी कंवर।
लेखक – मनीष सीरवी रायपुर जिला ब्यावर राजस्थान।
9640557818