नहीं होगा तेरा दीदार,
तो मैं लौट जाऊंगा,
मगर ये याद रखना सांवरे,
मैं फिर से आऊंगा,
नही होगा तेरा दीदार,
तो मैं लौट जाऊंगा।।
सताले तू मगर,
ये ना समझना हार जाउंगा,
हमेशा की तरह यूँ ही,
सरे बाजार आऊंगा,
नही होगा तेरा दीदार,
तो मैं लौट जाऊंगा।।
जुबां से श्याम जय श्री श्याम,
की मैं धुन लगाऊंगा,
नहीं मिलता है तू मुझसे,
यही सबको बताऊंगा,
नही होगा तेरा दीदार,
तो मैं लौट जाऊंगा।।
ना मैं रोऊँगा अपने,
आंसुओ को पीता जाऊंगा,
कन्हैया दिल दिया तुझको,
तो मरके भी निभाउंगा,
नही होगा तेरा दीदार,
तो मैं लौट जाऊंगा।।
अगर पागल हुआ तो,
नाम तेरा लिख के जाऊंगा,
तेरा दीवाना ‘लहरी’,
नाम से पहचाना जाऊंगा,
नही होगा तेरा दीदार,
तो मैं लौट जाऊंगा।।
नहीं होगा तेरा दीदार,
तो मैं लौट जाऊंगा,
मगर ये याद रखना सांवरे,
मैं फिर से आऊंगा,
नही होगा तेरा दीदार,
तो मैं लौट जाऊंगा।।
स्वर – उमा लहरी जी।
प्रेषक – शुभम कुमावत (जयपुर)
बहुत अच्छे भजन लगे । भगवान में रम जाने का अचूक साधन है यह भजन संग्रह ।