नैनो की प्यास बुझा दे रे,
मेरे बांके बिहारी।
दोहा – ढूंढत ढूंढत युग गयो,
हर सुबह गई हर शाम,
ना जानू कित छिप गयो,
मिल्यो ना मेरो श्याम।
नैनो की प्यास बुझा दे रे,
मेरे बांके बिहारी,
बांके बिहारी मेरे बांके बिहारी,
बांके बिहारी मेरे बांके बिहारी,
नैनों की प्यास बुझादे रे,
मेरे बांके बिहारी।bd।
वृंदावन की गलियां सुहानी,
वृंदावन की गलियां सुहानी,
मुझको भी दर पे बुला ले रे,
मेरे बांके बिहारी,
नैनों की प्यास बुझादे रे,
मेरे बांके बिहारी।bd।
होंठों पर रख कर के मुरलिया,
होंठों पर रख कर के मुरलिया,
मीठी सी तान सुना दे रे,
मेरे बांके बिहारी,
नैनों की प्यास बुझादे रे,
मेरे बांके बिहारी।bd।
तेरे चरणों तक कैसे आऊं,
तेरे चरणों तक कैसे आऊं,
मुझको भी रस्ता दिखा दे रे,
मेरे बांके बिहारी,
नैनों की प्यास बुझादे रे,
मेरे बांके बिहारी।bd।
राधे ने कैसे तुझको पाया,
राधे ने कैसे तुझको पाया,
हमको भी नुस्खा बता दे रे,
मेरे बांके बिहारी,
नैनों की प्यास बुझादे रे,
मेरे बांके बिहारी।bd।
कब से ‘बेधड़क’ ‘लख्खा’ पुकारे,
कब से ‘बेधड़क’ ‘लख्खा’ पुकारे,
चरणों से मुझको लगा ले रे,
मेरे बांके बिहारी,
नैनों की प्यास बुझादे रे,
मेरे बांके बिहारी।bd।
नैनों की प्यास बुझादे रे,
मेरे बांके बिहारी,
बांके बिहारी मेरे बांके बिहारी,
बांके बिहारी मेरे बांके बिहारी,
नैनों की प्यास बुझादे रे,
मेरे बांके बिहारी।bd।
स्वर – लखबीर सिंह जी लख्खा।