नैया मेरी फसी पड़ी है,
बरसो से मजधार में,
लगता है इंसाफ नहीं है,
श्याम तेरे दरबार में,
श्याम तेरे दरबार में।bd।
naiya meri fasi padi hai lyrics
तर्ज – थाली भरकर लाई खीचड़ो।
सेवा की है भक्ति की है,
तेरी ज्योत जगाई है,
ना जाने कितने बरसो तक,
तेरी आरती गाई है,
तेरे हर मंदिर में पहुंचा,
श्याम तुम्हे पुकारने,
लगता है इंसाफ नहीं है,
श्याम तेरे दरबार में,
श्याम तेरे दरबार में।bd।
मुझको तो मालूम नहीं था,
इतना देर लगाते हो,
छोटा सा एक काम करोगे,
और इतना तड़पाते हो,
ना जाने कब आओगे तुम,
जीवन मेरा संवारने,
लगता है इंसाफ नहीं है,
श्याम तेरे दरबार में,
श्याम तेरे दरबार में।bd।
तेरा आशीर्वाद दे कान्हा,
थोड़ा सा मेरा साथ दे,
‘बनवारी’ कुछ कहने खातिर,
आया हूँ तेरे पास में,
मैंने जो भी सेवा की है,
उसका मुझे तू हिसाब दे,
लगता है इंसाफ नहीं है,
श्याम तेरे दरबार में,
श्याम तेरे दरबार में।bd।
वश में नहीं था काम जो मेरा,
पहले ही तुम कह देते,
या फिर करना था ही नहीं तो,
बनवारी ना कर देते,
गम तो है इस बात का कान्हा,
वक्त गया बेकार में,
Bhajan Diary Lyrics,
लगता है इंसाफ नहीं है,
श्याम तेरे दरबार में,
श्याम तेरे दरबार में।bd।
नैया मेरी फसी पड़ी है,
बरसो से मजधार में,
लगता है इंसाफ नहीं है,
श्याम तेरे दरबार में,
श्याम तेरे दरबार में।bd।
Singer – Anant Goenka