ऐ के नखरे की पूछो काई बात,
नखरालो म्हारो श्याम धणी,
या का जग से निराला देख्या ठाठ,
नखरालो म्हारो श्याम धनी।।
हिरा मोती मुकुट पे साजे,
गल वैजंती माला,
आंख्या में काजल है कारो,
केसर तिलक निराला,
मेहंदी राचणी भी राच रही हाथ,
नखरालो म्हारो श्याम धनी।।
फुला रो श्रृंगार श्याम को,
भावे रंग बिरंगो,
बदल बदल के पहरो बागो,
बागो यो पचरंगो,
होवे ऐके ऊपर इतर री बरसात,
नखरालो म्हारो श्याम धनी।।
सेठा को ये सेठ सांवरो,
छप्पन भोग लगावे,
खीर चूरमो माखन मिश्री,
सांवरिये ने भावे,
खावे माखनया तो आंगली ने चाट,
नखरालो म्हारो श्याम धनी।।
तीन बाण काँधे पर सोवे,
लीले करे सवारी,
नखराले म्हारे श्यामधणी की,
लीला जग में न्यारी,
देवे योतो हरदम हारयोड़ा रो साथ,
नखरालो म्हारो श्याम धनी।।
नखराले का देख के नखरो,
जग सारो हर्षावे,
नजर उतारे ‘रोमी’ आकी,
वारी वारी जावे,
नाचे कीर्तन माही सारी सारी रात,
नखरालो म्हारो श्याम धनी।।
ऐ के नखरे की पूछो काई बात,
नखरालो म्हारो श्याम धणी,
या का जग से निराला देख्या ठाठ,
नखरालो म्हारो श्याम धनी।।
Singer – Sardar Romi Ji