नखरारौ सांवरियो,
तुझे तेरे दास बुलाते है,
नैनों के भरे प्याले,
प्रभु दर्शन को तरसते है,
नखरारौ सांवरियो,
तुझे तेरे दास बुलाते है।।
तर्ज – आ लौट के आजा मेरे मीत।
तुम हो दयालु मालिक हमारे,
भगतों की तुम कब सुनोगे,
बुझने लगी है नैनों की ज्योति,
कब तक उजाले करोगे,
बिगड़ी हुई बातों को,
प्रभु पल भर में बनाते हो,
नखरारो सांवरियो,
तुझे तेरे दास बुलाते है।।
कब तक रहोगे अन्जान हमसे,
कितनी परिक्षा तुम लोगे,
चलने लगी है दिल पे कटारी,
भगतों की तुम कब सुनोगे,
अपने भगतो की प्रीत की रीत,
प्रभु आकर के निभा जाओ,
नखरारो सांवरियो,
तुझे तेरे दास बुलाते है।।
चन्दा से सुंदर मुखड़ा तुम्हारा,
लागे ना तोहे नजरिया,
आजा मुरारी नजर उतारू,
ले ले के तौरी नजरिया,
इक बार तो आ जाओ,
काहै मन को दुखाते हो,
नखरारो सांवरियो,
तुझे तेरे दास बुलाते है।।
नखरारौ सांवरियो,
तुझे तेरे दास बुलाते है,
नैनों के भरे प्याले,
प्रभु दर्शन को तरसते है,
नखरारौ सांवरियो,
तुझे तेरे दास बुलाते है।।
यह भजन विनोद कुमार जी
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महोदय जय श्री श्याम 🙏
भजन डायरी में बहुत अच्छा सुंदर संग्रहण है आप हम तक बाबा के सारे कीर्तन लिखकर दे रहे ये बड़ा पुण्य कार्य है बाबा की कृपा सदैव बनी रहेगी
मैं चाहता आपके लिखे कीर्तन मुझे भी मेल में आये ये मैं आपसे अर्ज करता हूँ
बाबा का छोटा सा सेवक
संजय गोयल कोरबा छत्तीसगढ़
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