नाकोड़ा रा देव भेरूजी,
थोने मनावण आया हा,
दर्शन दीजो म्हाने भेरूजी,
थाने रिझावण आया हा,
नाकोडा रा देव भेरू जी।।
हो घणा दूर सु आया भेरूजी,
सारो परिवार लाया हा,
तेल सिंदूर ध्वजा नारियल,
थोने चढ़ावण आया हा,
नाकोडा रा देव भेरू जी।।
हो लाल गुलाबी हार फूला रो,
थोने पैरावण आया हा,
मेवा मिठाई ओर सुखड़ी,
भोग लगावण आया हा,
नाकोडा रा देव भेरू जी।।
मेवा नगर रो अजब नजारो,
म्हे देख देख हरखाया हा,
अब थे म्हारी लाज राखजो,
म्हे थारे शरणे आया हा,
नाकोडा रा देव भेरू जी।।
टुकलिया परिवार री यही विनती,
म्हे थाने लेवण आया हा,
रुमझुम करता आवो भेरूजी,
कृषिव रे मन भाया हो,
‘दिलबर’ रे मन भाया हो,
नाकोडा रा देव भेरू जी।।
नाकोड़ा रा देव भेरूजी,
थोने मनावण आया हा,
दर्शन दीजो म्हाने भेरूजी,
थाने रिझावण आया हा,
नाकोडा रा देव भेरू जी।।
गायक – कृषिव वागरेचा।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365