नमामी प्रभु पार्श्व,
नमामी भैरव देवा,
बिराजे पार्श्व भैरव,
श्री नाकोडा धाम,
एक पालनहारे,
एक कष्ट निवारे,
जप लो सदा,
श्री पार्श्व भैरव नाम।।
तर्ज – नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे।
तीर्थोउधारक,
श्री हिमाचल सुरिस्वर,
लगता है नाकोडा,
स्वर्ग से सुंदर,
विश्व मे फैली है,
इस तीर्थ की कीर्ति,
मिलती है शांति,
धाम नाकोडा आकर।।
पावन पुनीत पुण्य,
यहाँ की धन्य धरा है,
देव विमान तुल्य,
ये दिव्य मंदिर बना है,
कण कण में है,
पार्श्व भैरव की शक्ति,
आओ इस धरा की,
हम करे स्पर्शना है।।
तीर्थधिपति श्री,
पार्श्वनाथ जिनेश्वर,
भैरव दादा बैठे है,
सेवक बनकर,
आदि व्याधि,
दुख दरिद्र टाले,
ध्यावे जो इनको,
धाम नाकोंडा आकर।।
श्री नाकोडा दरबार,
की अर्जी को सुनना,
सदा पार्श्व भैरव के,
चरणों में रहना,
मनोज ‘दिलबर’ की,
यही भावना है,
भक्तो की करना पूरी,
हर मनोकामना।।
नमामी प्रभु पार्श्व,
नमामी भैरव देवा,
बिराजे पार्श्व भैरव,
श्री नाकोडा धाम,
एक पालनहारे,
एक कष्ट निवारे,
जप लो सदा,
श्री पार्श्व भैरव नाम।।
श्री पार्श्वनाथ भगवान की जय।
श्री नाकोड़ा भैरव देव की जय।
गायक – विवेक नाईक मुम्बई।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365