नमो नमो रामा गुरु वंदन,
जगत जड़या मोहे काढ़ लिया,
दीन दयाल दया के सागर,
भक्ति मुक्ति निधि बगस लिया,
नमों नमों रामा गुरु वँदन।।
क्या ले पूज करूँ सतगुरु की,
जिन ऐसा उपकार किया,
तन मन धन सब अर्पण करिये,
फेर चरण में चित दिया,
नमों नमों रामा गुरु वँदन।।
काम क्रोध मद लोभ विषय सब,
ऐ सब ही गुरु दूर किया,
ज्ञान ध्यान धीरज नित धारा,
सतगुरु ऐ लच्छ मोय दिया,
नमों नमों रामा गुरु वँदन।।
परसराम कर गुरु जी री सेवा,
राम नाम उपदेश दिया,
नहीं तो जग के संग बह जाता,
बांह पकड़ गुरु काढ़ लिया,
नमों नमों रामा गुरु वँदन।।
नमो नमो रामा गुरु वंदन,
जगत जड़या मोहे काढ़ लिया
दीन दयाल दया के सागर,
भक्ति मुक्ति निधि बगस लिया,
नमों नमों रामा गुरु वँदन।।
स्वर – संत श्री रामप्रसाद जी महाराज।
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