णमोकार मंत्र भजले,
जिनवाणी उर में धरले,
यह तन मिला कठिन है,
मन सावधान करले,
णमोकार मंत्र भजले।।
अरिहंत की जो शरणा,
फिर क्या किसी से डरना,
सिद्धों का जाप कर ले,
संसार ताप हरले,
आचार्य, उपाध्याय,
इनको प्रणाम करले,
णमोकार मंत्र भजले।।
महावीर की निशानी,
साधु की सुन ले वाणी,
तत्वों का करले चिंतन,
निज आत्मा का मंथन,
जिनमार्ग पे चलाचल,
सत्मार्ग पे चलाचल,
फिर मोक्ष पद अमर ले,
णमोकार मंत्र भजले।।
णमोकार मंत्र भजले,
जिनवाणी उर में धरले,
यह तन मिला कठिन है,
मन सावधान करले,
णमोकार मंत्र भजले।।
– गायक लेखक एवं प्रेषक –
डॉ. राजीव जैन।