जगमग जगमग जोतां जागी,
मंदिर जोत सवाई माँ,
नवरात्रा में बेगा पधारो,
इति काई देर लगाई माँ।।
प्रथम रूप शैलपुत्री धरियो,
राजा हिमाचल घर आई माँ,
नंदी री असवारी सोहे,
हाथां त्रिशूल धरियो माँ,
जगमग जगमग जोता जागी,
मंदिर जोत सवाई माँ।।
दूसरों रूप ब्रह्मचारणी धरियो,
नारद कहे बतलाई माँ,
घोर तपश्या करी शिवजी की,
पति रुप में पाई माँ,
जगमग जगमग जोता जागी,
मंदिर जोत सवाई माँ।।
तीसरो रूप चन्द्रघण्टा धरियो,
शिवजी विवाह संग मांहि माँ,
अर्द्धशीश पर चंद्र बनायो,
चंद्रघंटा कहलाई माँ,
जगमग जगमग जोता जागी,
मंदिर जोत सवाई माँ।।
चोथों रूप कुष्मांडा धरियो,
मंद मंद मुस्काई माँ,
चौदह लोक नव खंड बनायो,
सातों दीप रे माही माँ,
जगमग जगमग जोता जागी,
मंदिर जोत सवाई माँ।।
पांचावो रूप स्कंद माता धरियो,
कार्तिक गोद खिलाई माँ,
देवासुर संग्राम में माता,
सेनापति रूप धराई माँ,
जगमग जगमग जोता जागी,
मंदिर जोत सवाई माँ।।
छटो रूप कात्यायनी धरियो,
ऋषि कात्ययायनी घर आई माँ,
त्रिदेव ने शक्ति उपाई,
महिषासुर ने मारियो माँ,
जगमग जगमग जोता जागी,
मंदिर जोत सवाई माँ।।
सातवों रूप कालका धरियो,
रक्त बीज संहारो माँ,
सारो रक्त पी गई माता,
शुभम कारी काली माँ,
जगमग जगमग जोता जागी,
मंदिर जोत सवाई माँ।।
आठवों रूप महागौरी धरियो,
नंदी की असवारी माँ,
गंगा स्नान करियो म्हारी माता,
शिवजी ने वर पायो माँ,
जगमग जगमग जोता जागी,
मंदिर जोत सवाई माँ।।
नवों रूप धरियो माँ अम्बे,
सिद्धि दात्री कहलाई माँ,
अष्ट सिद्धि वर दायनी माता,
शिवजी ने तप कीनो माँ,
जगमग जगमग जोता जागी,
मंदिर जोत सवाई माँ।।
‘फूलचंद मूंदड़ा’ महिमा गावे,
गावे सब संसार म्हारी माँ,
सांझ सवेरे सिंवरा थाने,
आंगण आप पधारो माँ,
जगमग जगमग जोता जागी,
मंदिर जोत सवाई माँ।।
जगमग जगमग जोतां जागी,
मंदिर जोत सवाई माँ,
नवरात्रा में बेगा पधारो,
इति काई देर लगाई मां।।
गायक / प्रेषक – फूलचंद जी मूंदड़ा।
9929661377