नवरात्रि उत्सव है,
बाबोसा दरबार में,
गरबे की धूम मची,
सारे संसार में,
बाबोसा संग आई,
आज महामाई,
ढोल नगाड़े बाजे,
बाजे शहनाई,
आई रे आई रे आई रे आई,
नवरात्रि आई।।
धरती अम्बर झूमे,
झूमे है दिशायें,
खुशबू फैला रही,
आज ये फिजायें,
बाबोसा के मंदिर में,
खुशियाँ है छाई,
शेरावाली बाबोसा के,
मंदिर में आई,
बाबोसा संग आई,
आज महामाई,
ढोल नगाड़े बाजे,
बाजे शहनाई,
आई रे आई रे आई रे आई,
नवरात्रि आई।।
दिल में उमंग खुशी,
तन मन मे छाई,
पावन है नव दिन,
नवरात्रि आई,
बाईसा ने देखो,
दिव्य ज्योत जगाई,
बाबोसा के दर्शन की,
शुभ घड़ी आई,
‘दिलबर’ ये भक्ति देखो,
आज रंग लाई,
ढोल नगाड़े बाजे,
बाजे शहनाई,
आई रे आई रे आई रे आई,
नवरात्रि आई।।
नवरात्रि उत्सव है,
बाबोसा दरबार में,
गरबे की धूम मची,
सारे संसार में,
बाबोसा संग आई,
आज महामाई,
ढोल नगाड़े बाजे,
बाजे शहनाई,
आई रे आई रे आई रे आई,
नवरात्रि आई।।
गायक – सम्यता बेनर्जी,दिव्यांश वर्मा।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365