नजरे रही है तुम्ही को निहार,
दरश दोगे कब मुझको हे लखदातार,
यूँ होता नहीं मुझसे अब इंतजार,
दरश दोगे कब मुझको हे लखदातार,
नजरें रही है तुम्ही को निहार,
दरश दोगे कब मुझको हे लखदातार।।
तर्ज – आँखों में नींदें ना।
दूर तुझसे रह ना सकूँ जिया जाए ना,
दर्श बिना नैन मेरे चैन पाए ना,
दिल को ये लगी कब से आस है,
जाने कब बुझेगी मेरी प्यास है,
श्याम मेरे दिल को कब आएगा करार,
नजरें रही है तुम्ही को निहार,
दरश दोगे कब मुझको हे लखदातार।।
जिन भक्तों के दिल में विराजे शीश के दानी,
उन भक्तों की होती नही संसार में हानी,
मेरी जिन्दगी का तू है सवेरा,
अपने भक्तों के दिल में करता तू बसेरा,
हारे का सहारा मेरा बाबा लखदातार,
नजरें रही है तुम्ही को निहार,
दरश दोगे कब मुझको हे लखदातार।।
दास की अरदास सुनो घर मेरे आओ,
आप अगर आ ना सको मुझे बुलाओ,
‘नीरज’ पे तू ही रहना सहाई,
तुम ही प्रभु मेरे हमराही,
तीन बाण धारी नीले घोड़े पे सवार,
नजरें रही है तुम्ही को निहार,
दरश दोगे कब मुझको हे लखदातार।।
नजरे रही है तुम्ही को निहार,
दरश दोगे कब मुझको हे लखदातार,
यूँ होता नहीं मुझसे अब इंतजार,
दरश दोगे कब मुझको हे लखदातार,
नजरें रही है तुम्ही को निहार,
दरश दोगे कब मुझको हे लखदातार।।
Singer – Neeraj Kumar