नीले घोड़े रा असवार,
म्हारा मेवाड़ी सरदार,
राणा सुणता ही जाजो जी,
मेवाड़ी राणा सुणता ही जाजो जी।।
राणा थारी डकार सुणने,
अकबर धूज्यो जाय,
हल्दीघाटी रंगी खून सु,
नालो बहतो जाय,
चाली मेवाड़ी तलवार,
बह गया खूणा रा खंगाल,
राणा सुणता ही जाजो जी,
मेवाड़ी राणा सुणता ही जाजो जी।।
चेतक चढ़ गयो हाथी पर,
और मानसिंह घबराए,
भालो फेंक्यो महाराणा जद,
ओहदो टुट्यो जाय,
रण में घमासान मचवाय,
बैरी रणसू भाग्या जाय,
राणा सुणता ही जाजो जी,
मेवाड़ी राणा सुणता ही जाजो जी।।
झालो गयो सुरगा रे माही,
पातळ लोह लवाय,
चेतक तन स्यूं बहे पनालो,
करतब बरण्यो ना जाय,
म्हाने जीवा सु नही प्यार,
म्हाने मरणो है एक बार,
राणा सुणता ही जाजो जी,
मेवाड़ी राणा सुणता ही जाजो जी।।
शक्तिसिंह री गर्दन झुक गई,
पड्यो पगा में आय,
प्यार झूम ग्यो गले लूम ग्यो,
वचन ना मुण्डे आय,
दोन्यू आंसुड़ा ढलकाए,
वा री बाहाँ कोण छुड़वाए,
राणा सुणता ही जाजो जी,
मेवाड़ी राणा सुणता ही जाजो जी।।
नीले घोड़े रा असवार,
म्हारा मेवाड़ी सरदार,
राणा सुणता ही जाजो जी,
मेवाड़ी राणा सुणता ही जाजो जी।।
गायक – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – अविनाश मौर्य।
is bhajan ne to mere andar deshbhakti ki lahar jaga di. mera aapse yeh nivedan hai ki aap ese hi bhajan bhejate rahie. mai aapke is bhajan ko sunkar aap ka fan ho gya hu. aap mujhe bhi aapke sath gane ka mouka de.
Me ek mewari hu, or muje garv h apne mewari hone pr , ye geet gane wale or likhne wale dono hi bhut bds samman k hkdar h , jai eklingnath
Jai ekling nath ji, jai hind, Veerta ke bhal ki jai maharana Pratap ki
बहुत अच्छा
Me ek mewari hu we proud to be mewad
Jai Rana pratap ri
Ye geet hamare veer yodha maharana pratap ke aadhar par hai or ye geet mujhe bahut pasand aaya
Me malva se hu fir bhi muje veer yodha maharana pratap par garv hai ….. Ye bhajan bahut hi badiya hai thank you prakash jiii mali jay mevar jay akling nath jiiii