नेजो पांच रंग रो सजग्यो,
प्यारो सजियो दरबार थारो बापजी,
नेजो पाँच रंग रो सजगियो।।
भीड़ भक्ता री छाई गुंजे जयकारा,
लंबी लागी कतार आणे बापजी,
नेजो पाँच रंग रो सजगियो।।
सोच मनड़े में घणो हरसायो मैं,
म्हारे मन रा विचार जाणो बापजी,
नेजो पाँच रंग रो सजगियो।।
थे हो बगसण हारि मोटा देवता,
देवो जीवन सुधार म्हारा बापजी,
नेजो पाँच रंग रो सजगियो।।
बाबा ‘मोहित’ री नैया थे तार दी,
देवो ‘सागर’ ने तार म्हारा बापजी,
नेजो पाँच रंग रो सजगियो।।
नेजो पांच रंग रो सजग्यो,
प्यारो सजियो दरबार थारो बापजी,
नेजो पाँच रंग रो सजगियो।।
Singer – Moolchand Nayak
Upload By – Rajesh
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