नेम बिना सब झुटी बाता,
भजन बिना पछतावे,
आ बाजी तने फेर ना मिलसी,
जन्म जन्म दुख पावे।।
देखो दुनिया भोली सन्तो,
सतसगं मे नही आवे,
सतसगं पेडी अमर लोक री,
वेद वाणी समजावे।।
आपो मे हरि आप विराजे,
गुरु बिन कुण लखावे,
जम को डाव कदी नही लागे,
जन्म मरण मिट जावे।।
हरि से डोरी कदी ना तोडो,
थारो जन्म सफल हो जावे,
आला पिगला साध सरोथा,
बंक नाल रस पावे।।
लाधु नाथ मिल्या गुरु पुरा,
घट को भेद बतावे,
ध्यानी नाथ सरण सतगुरु री,
घर अमरा पुर पावे।।
नेम बिना सब झुटी बाता,
भजन बिना पछतावे,
आ बाजी तने फेर ना मिलसी,
जन्म जन्म दुख पावे।।
गायक / प्रेषक – शिशपाल ब्यावत।
9664113075