नीलो नीलो घोडलो रे,
लीला अपरमपार,
मैनादे रो लालो बाबो,
करसी बेड़ो पार।।
रूपा रे दर्जी बीरा,
घोड़लियो बनाए,
घोड़लिया पर बैठ बाबो,
आकाशा उड़ाए,
नीलों नीलों घोड़लो रे,
लीला अपरमपार,
मैनादे रो लालो बाबो,
करसी बेड़ो पार।।
भगत बुलावे बाबा,
जोवे थारी बाट,
सांझ सवेरे करा आरती,
नेतल के भरतार,
नीलों नीलों घोड़लो रे,
लीला अपरमपार,
मैनादे रो लालो बाबो,
करसी बेड़ो पार।।
सच्चे मनसु जो कोई ध्यावे,
होव बेड़ो पार,
डगमग डोले म्हारी नईया,
करजो बेड़ा पार,
नीलों नीलों घोड़लो रे,
लीला अपरमपार,
मैनादे रो लालो बाबो,
करसी बेड़ो पार।।
था बिन म्हारो नहीं आसरो,
किनकी राखु आस,
बेगा बेगा आओ बाबा,
नैया पार लगाए,
नीलों नीलों घोड़लो रे,
लीला अपरमपार,
मैनादे रो लालो बाबो,
करसी बेड़ो पार।।
इंद्र किरोड़ी बाबा,
भजन बनाये,
दास गोपालो देखो बाबा,
भजन बनाये,
नीलों नीलों घोड़लो रे,
लीला अपरमपार,
मैनादे रो लालो बाबो,
करसी बेड़ो पार।।
नीलो नीलो घोडलो रे,
लीला अपरमपार,
मैनादे रो लालो बाबो,
करसी बेड़ो पार।।
गायक – गोपाल सोनी रतनगढ़।