निशदिन ढूंढत नैन सांवरिया,
व्याकुल मन तरसे,
कैसे मिलूं में हरि से,
कैसे मिलूं में हरि से।।
आप नहीं तो ये जग सुना,
घर आँगन मोहे लागे अलूना,
चाह नहीं करते,
चाह नहीं करते,
कैसे मिलूं में हरि से,
कैसे मिलूं में हरि से।।
होय गुलाबी लाल सुनहरी,
रंग दल बादल के
ज्योति कलश छलके,
कैसे मिलूं में हरि से,
कैसे मिलूं में हरि से।।
विरह अग्नि जलाए तन को,
तज आभूषण निकलू मैं वन को,
बन जोगन घर से,
बन जोगन घर से,
कैसे मिलूं में हरि से,
कैसे मिलूं में हरि से।।
तुम संग प्रीत लगी बचपन की,
भूल गई मैं सुध तन मन की,
मोरे नैनन जल बरसे,
मोरे नैनन जल बरसे,
Bhajan Diary Lyrics,
कैसे मिलूं में हरि से,
कैसे मिलूं में हरि से।।
श्याम दया कर दरश दिखा दो,
प्रेम सुधा रस अब बरसा दो,
निर्मल निज तरसे,
निर्मल निज तरसे,
कैसे मिलूं में हरि से,
कैसे मिलूं में हरि से।।
निशदिन ढूंढत नैन सांवरिया,
व्याकुल मन तरसे,
कैसे मिलूं में हरि से,
कैसे मिलूं में हरि से।।
Singer – Dinesh Ji Bhatt