निवन करूँ मैं प्रणाम रे,
माजीसा म्हारी।
दोहा – जसोल गढ़ में आप बिराजो,
और मोत्या वाली माँ,
रूप सुहानो आपरो,
माँ दर्शन देवो आप।
उगते सूरज ढलती सांज रे,
ओ उगते सूरज ढलती सांज रे,
माजीसा म्हारी,
निवन करूँ मै प्रणाम रे,
भटियाणी सा म्हारी,
निवन करूँ मै प्रणाम रे,
गढ जसोल माई धाम रे,
ओ गढ़ जसोल माई धाम रे,
माजीसा म्हारी,
निवन करूँ मैं प्रणाम रे,
माजीसा म्हारी,
निवन करूँ मै प्रणाम रे।।
जोगीदा सु आप पधारीया,
मन्दिर जसोल बिराजीया,
ढोली ने परचो दीनो,
चुनडी रो दान करायो,
दिवला री ज्योति जगावा,
कुल रो माँ मान बढायो,
राठौड़ थाने मनावे,
कलयुग मे परचा पाया,
सारे माजीसा सबरा काज रे,
ओ सारे माजीसा सबरा काज रे,
माजीसा म्हारी,
निवन करूँ मै प्रणाम रे,
माजीसा म्हारी,
निवन करूँ मै प्रणाम रे।।
घूमर रो ढोल बजावा,
रात तेरस ने बुलावा,
पाट माँ मै तो पुरावा,
राती जोगो मै दिरावा,
चुनडी माँ थाने ओडावा,
सोलह सिन्गार करावा,
हाथा मे मेहन्दी लगावा,
सखीया सु मंगला गवावा,
सात बायोसा संग मे लावजो,
ओ सात बायोसा संग मे लावजो,
माजीसा म्हारी,
निवन करूँ मै प्रणाम रे,
माजीसा म्हारी,
निवन करूँ मै प्रणाम रे।।
रूप स्वरूप कहावो,
पग पग माँ परचा देवो,
शक्ति अवतार धरायो,
हर मन री आस पुरावो,
आंगनीये चौक पुरावा,
जाजम माँ थारे ढलावा,
भोजन माँ छोका बनावा,
हाथा सु थाने जिमावा,
सोना सो बनीयो थारो धाम रे,
ओ आवे थारे नर ओर नार रे,
माजीसा म्हारी,
निवन करूँ मै प्रणाम रे,
माजीसा म्हारी,
निवन करूँ मै प्रणाम रे।।
मरूधर मालानी कहिजे,
कण कण में भगत कहिजे,
शूरवीर राठौड कहावे,
सवाई सिंह जी बिराजे,
लाल बन्नासा कहिजे,
माजीसा संग मे पूजीजे,
रावल मलीनाथ जी कहिजे,
सती रूपादे पूजीजे,
‘श्याम रवि’ री अरदास ओ,
इन्द्र हर्ष चरना माय ओ,
माजीसा म्हारी,
निवन करूँ मै प्रणाम रे,
माजीसा म्हारी,
निवन करूँ मै प्रणाम रे।।
उगते सूरज ढलती सांज रे,
ओ उगते सूरज ढलती सांज रे,
माजीसा म्हारी,
निवन करूँ मै प्रणाम रे,
भटियाणी सा म्हारी,
निवन करूँ मै प्रणाम रे,
गढ जसोल माई धाम रे,
ओ गढ़ जसोल माई धाम रे,
माजीसा म्हारी,
निवन करूँ मैं प्रणाम रे,
माजीसा म्हारी,
निवन करूँ मै प्रणाम रे।।
गायक – श्याम पालीवाल जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818