ओ बाबा पलका थारी खोलो जी,
टाबरीया थारी बाट निहारें,
कुछ तो बोलो जी,
कुछ तो बोलो जी ओ बाबा,
कुछ तो बोलो जी,
ओ बाबा पलका थारी खोलों जी,
टाबरीया थारी बाट निहारें,
कुछ तो बोलो जी।।
तर्ज – थारे झांझ नगाड़ा बाजे रे।
टाबरीया थारा थाने पुकारे,
और अरदास लगावे,
बाबो म्हारो कुछ फरमावे,
म्हाने हुकुम सुनावे,
ओ बाबा मुख से एक बर बोलो जी,
टाबरीया थारी बाट निहारें,
कुछ तो बोलो जी।।
रात दिना थारी याद में रोवे,
थे जल्दी आज्यो,
बालक थारा थाने पुकारे,
मन की आस पुराज्यो,
ओ बाबा मोर छड़ी लहराज्यो जी,
टाबरीया थारी बाट निहारें,
कुछ तो बोलो जी।।
थे आओ जद मेरे बाबा,
चैन मिले म्हारे मन ने,
थारी कृपा से ही बाबा,
खुशियां आवे जीवन में,
ओ बाबा ‘खुशबू’ को साथ ना छोड़ो जी,
टाबरीया थारी बाट निहारें,
कुछ तो बोलो जी।।
ओ बाबा पलका थारी खोलो जी,
टाबरीया थारी बाट निहारें,
कुछ तो बोलो जी,
कुछ तो बोलो जी ओ बाबा,
कुछ तो बोलो जी,
ओ बाबा पलका थारी खोलों जी,
टाबरीया थारी बाट निहारें,
कुछ तो बोलो जी।।
– Singer / Lyrics / Upload By –
Khushboo Agarwal