सजधज कर होले होले,
मुस्काते हो,
जादू कैसा सब पर आप,
चलाते हो,
तेरी एक झलक पे वारी जाएं,
लाखो दीवाने तेरे,
ओ बाबा श्याम हमारे,
तुम लगते इतने प्यारे।।
सांवल सा मुखड़ा,
बांकी अदाएं,
हटती नही तेरे,
मुख से निगाहें,
मोरमुकुट और,
केसर का टीका,
शोभा तुम्हारी,
और बढ़ाये,
नैना कटीले तेरे सांवरे,
ओ बाबा श्याम हमारें,
तुम लगते इतने प्यारे।।
केसरिया बागा,
तेरा निराला,
सजती अनोखे,
फूलों की माला,
नौलक्खा हार पहने,
मेरा साँवरिया,
दूल्हा सा लागे,
है खाटू वाला,
तुमको नज़र ना लगे सांवरे,
ओ बाबा श्याम हमारें,
तुम लगते इतने प्यारे।।
तुम खुद ना जानो,
श्याम बिहारी,
झांकी तुम्हारी,
है कितनी प्यारी,
दर्शन तुम्हारा,
करते ही ‘मोहन’,
छा जाती दिल पे,
प्रेम खुमारी,
हो जाये तेरी कृपा सांवरे,
ओ बाबा श्याम हमारें,
तुम लगते इतने प्यारे।।
सजधज कर होले होले,
मुस्काते हो,
जादू कैसा सब पर आप,
चलाते हो,
तेरी एक झलक पे वारी जाएं,
लाखो दीवाने तेरे,
ओ बाबा श्याम हमारे,
तुम लगते इतने प्यारे।।
लेखक / प्रेषक – प्रशांत सोनी (मोहन)
9253470444
गायक – रवि अग्रवाल।