मै तो जो कुछ भी हूँ,
जैसा भी हूँ,
किसके पीछे
ओ बाबा तेरे पीछे,
ओ बाबा तेरे पीछे,
इतनी शौहरत और सम्मान मिला है,
किसके पीछे,
ओ बाबा तेरे पीछे।।
तर्ज – जो बिच बजरिया।
सोचा न कभी था ऐसा,
तूने वो दिया है रे,
तेरा शुक्रिया है बाबा,
तेरा सुक्रिया है रे,
इन सब भक्तो का प्यार मिला है,
किसे पीछे,
ओ बाबा तेरे पीछे,
ओ बाबा तेरे पीछे,
इतनी शौहरत और सम्मान मिला है,
किसके पीछे,
ओ बाबा तेरे पीछे।।
मैंने वो भी देखा देखा,
एक वो जमाना रे,
सुबह मिल गया तो ना था,
शाम का ठिकाना रे,
अब ना बीते वो भंडार मिला है,
किसके पीछे,
ओ बाबा तेरे पीछे,
ओ बाबा तेरे पीछे,
इतनी शौहरत और सम्मान मिला है,
किसके पीछे,
ओ बाबा तेरे पीछे।।
हाथ में जो तूने दे दी,
सोने की कलम रे,
आँख में ख़ुशीके आंसू,
नाचू छम छम रे,
‘लहरी’ प्यारा ये घर बार मिला है,
किसके पीछे
ओ बाबा तेरे पीछे,
ओ बाबा तेरे पीछे,
इतनी शौहरत और सम्मान मिला है,
किसके पीछे,
ओ बाबा तेरे पीछे।।
मै तो जो कुछ भी हूँ,
जैसा भी हूँ,
किसके पीछे
ओ बाबा तेरे पीछे,
ओ बाबा तेरे पीछे,
इतनी शौहरत और सम्मान मिला है,
किसके पीछे,
ओ बाबा तेरे पीछे।।