जब सर पे हाथ है तेरा,
तेरे होते क्यो फिकर करूँ मैं,
ओ बाबोसा मेरे भगवन,
तेरा हरपल शुकर करूँ मैं।।
तर्ज – तुझे सूरज कहूं या चंदा।
धन दौलत का क्या करना,
जब मिल गया तेरा शरणा,
अब और भला क्या मांगू,
बिन मांगे दिया तूने इतना,
अब रात दिन बाबोसा,
बस तेरा ही जिकर करू मैं,
श्री बाबोसा मेरे भगवन,
तेरा हरपल शुकर करूँ मैं।।
गर किरपा तेरी ना होती,
तो मन में न जलती ज्योति,
पत्थर ही रह जाता मैं,
न बनता कभी भी मोती,
तेरे साये में बाबोसा,
ये जीवन बसर करूँ मैं,
श्री बाबोसा मेरे भगवन,
तेरा हरपल शुकर करूँ मैं।।
यही आरजू मेरी ‘दिलबर’,
जब भी मेरा जनम हो,
तेरे नाम से ही ये शुरू हो,
तेरे नाम पे ही ये खतम हो,
यही कहती है ये ‘रिया’,
तेरा दिल से ध्यान धरु मैं,
श्री बाबोसा मेरे भगवन,
तेरा हरपल शुकर करूँ मैं।।
जब सर पे हाथ है तेरा,
तेरे होते क्यो फिकर करूँ मैं,
ओ बाबोसा मेरे भगवन,
तेरा हरपल शुकर करूँ मैं।।
गायिका – रिया जैन।
लेखक / प्रेषक – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
9907023365