नंदलाल, नंदलाल, नंदलाल,
ओ गौ माँ के रखवाले,
सुन जग के पालनहारे,
सुन जग के पालनहारे।।
तर्ज – ओ दुनिया के रखवाले।
पैदा करने वाली माता,
कुछ दिन दूध पिलाये,
वर्षों दूध पिलाऊँ जिसको,
मेरा वध करवाये,
तू आकर मुझे बचाले,
ओ बेबस ओर लाचार मरूँ मैं,
अब तो कंठ लगाले,
अब तो कंठ लगाले,
ओ.. अब तो कंठ लगाले,
ओ गो माँ के रखवाले,
सुन जग के पालनहारे,
सुन जग के पालनहारे।।
बैरन हो गई धरती सारी,
अपने हुए पराये,
आँखों में अंसुवन की धारा,
तुझको दर्द बतायें,
सुन मेरी करूण कथायें,
ओ गैया तेरी संकट में है,
रो रो तुझे पुकारें,
ओ गो माँ के रखवाले।।
भूल हुई क्या ऐसी मुझसे,
कोई न रक्षक मेरा,
जरा देखले कैसे कसाई,
वध करता है मेरा,
तुम कब आओगे देवा,
ओ चक्र उठाओ बच ना पायें,
ये पापी हत्यारे,
ओ गो माँ के रखवाले।।
धरती पर अवतार लिया है,
जब जब विपदा आईं,
नाश अधर्म का करके तूने,
धर्मं की ज्योत जलाई,
क्या भूल गये गिरधारी,
ओ गीता मे जो वचन दिया था,
आकर उसे निभा दे,
ओ गो माँ के रखवाले।।
ओ गौ माँ के रखवाले,
सुन जग के पालनहारे,
सुन जग के पालनहारे।।
गायक / प्रेषक – प्रदीप अग्रवाल।