ओ कान्हा आ जाओ,
दरश तेरा करेंगे हम,
ओ कान्हा आ जाओं,
दरश तेरा करेंगे हम,
दरश पाकर तेरा कान्हा,
सफल जीवन करेंगे हम,
ओ कान्हा आ जाओं,
दरश तेरा करेंगे हम।।
तर्ज – अगर तुम मिल जाओ।
बिना तेरे मेरे कान्हा,
कि अब हम जी न पायेंगे,
लगन तुमसे लगा बैठे,
कहो कैसे भूलायेंगे,
लगन तेरी न हो दिल में _ओ,
लगन तेरी न हो दिल में,
तो जीना छोड देंगे हम,
ओ कान्हा आ जाओं,
दरश तेरा करेंगे हम।।
तुम्हे हम अपने मन मंदिर में,
कुछ ऐसे बसा लेंगे,
प्रेम तुमसे ही करते हैं,
ये दुनिया को बता देंगे,
कान्हा मेरे कान्हा _ ओ,
कान्हा मेरे कान्हा,
तुझे ना भूल सकेंगे हम,
ओ कान्हा आ जाओं,
दरश तेरा करेंगे हम।।
तुम्हीं हो श्रष्टि के पालक,
तुम्हीं बंशी बजैया हो,
नन्द बाबा के प्यारे हो,
मां यशोदा के छैया हो,
कहें ‘नेम चन्द’ भईया _ ओ,
कहें नेम चन्द भईया,
तेरा सुमिरन करेंगे हम,
ओ कान्हा आ जाओं,
दरश तेरा करेंगे हम।।
ओ कान्हा आ जाओ,
दरश तेरा करेंगे हम,
ओ कान्हा आ जाओं,
दरश तेरा करेंगे हम,
दरश पाकर तेरा कान्हा,
सफल जीवन करेंगे हम,
ओ कान्हा आ जाओं,
दरश तेरा करेंगे हम।।
लेखक / प्रेषक – नेम चन्द प्रजापति जी।
( दिवना) 6397647998