ओ खाटू वाले मुझे,
दर पे बुला ले,
दर पे बुला के मुझे,
दर पे बुला के मुझे,
अपना बना ले,
ओ खाटु वाले मुझे,
दर पे बुला ले।bd।
तर्ज – परदेसियों से ना।
जिसको भी समझा था,
मैंने अपना,
आंखें खुली तो बस,
रह गया सपना,
आंखें खुली तो बस,
रह गया सपना,
चरणों में अपने मुझे,
चरणों में अपने मुझे,
तू ही बिठा ले,
ओ खाटु वाले मुझे,
दर पे बुला ले।bd।
जब से बिठाया मन के,
मंदिर में तुमको,
नहीं कोई चिंता रही,
जीवन में मुझको,
नहीं कोई चिंता रही,
जीवन में मुझको,
रंग जाऊं तेरे रंग में,
रंग जाऊं तेरे रंग में,
ऐसा रंग घुला ले,
ओ खाटु वाले मुझे,
दर पे बुला ले।bd।
जोड़ा है तुमसे मैंने,
जन्मों नाता,
शीश के दानी तू मेरे,
भाग्य का विधाता,
शीश के दानी तू मेरे,
भाग्य का विधाता,
रोए ‘मनीष’ तो बाबा,
रोए मनीष तो बाबा,
तू ही संभाले,
ओ खाटु वाले मुझे,
दर पे बुला ले।bd।
ओ खाटू वाले मुझे,
दर पे बुला ले,
दर पे बुला के मुझे,
दर पे बुला के मुझे,
अपना बना ले,
ओ खाटु वाले मुझे,
दर पे बुला ले।bd।
Singer – Manish Parmar Agra