ओ खाटू वाले ओ नीले वाले,
मेरी भी नैया तेरे हवाले,
मेरे दुखो में तू काम आए,
है कौन मेरा तेरे सिवाय,
मेरे दुखो में तू काम आए,
है कौन मेरा तेरे सिवाय।।
तर्ज – जिहाले मस्कीं मुकुम्ब।
जो आके तेरे दर पर बैठे,
भंडार तू भर देता है,
भंडार तू भर देता है,
तू लेख जाने बाँट रहा तू,
खुशियों के वर दे देता है,
ओ खाटु वाले ओ नीले वाले,
मेरी भी नैया तेरे हवाले,
मेरे दुखो में तू काम आए,
है कौन मेरा तेरे सिवाय।।
कभी कभी श्याम ऐसा लगता है,
बेकार जीवन भटक रहा हूँ,
बेकार जीवन भटक रहा हूँ,
तेरे दरश के बिन सांवरिया,
दुखिया मन मैं तरस रहा हूँ,
ओ खाटु वाले ओ नीले वाले,
मेरी भी नैया तेरे हवाले,
मेरे दुखो में तू काम आए,
है कौन मेरा तेरे सिवाय।।
बेदर्द है ये जमाना क्या है,
किसपे भरोसा करूँ मैं प्यारे,
किसपे भरोसा करूँ मैं प्यारे,
‘चहल’ दीवाने ने अब तो नैया,
छोड़ दी बाबा तेरे सहारे,
ओ खाटु वाले ओ नीले वाले,
मेरी भी नैया तेरे हवाले,
मेरे दुखो में तू काम आए,
है कौन मेरा तेरे सिवाय।।
ओ खाटू वाले ओ नीले वाले,
मेरी भी नैया तेरे हवाले,
मेरे दुखो में तू काम आए,
है कौन मेरा तेरे सिवाय,
मेरे दुखो में तू काम आए,
है कौन मेरा तेरे सिवाय।।
स्वर – जसविंदर सिंह।