ओ मावडी बिलाड़ा नगरी में,
थारो बेसनो।
दोहा:बिलाडो बली राज रो,
जटे माँ आईजी रो धाम,
गंगा बह रही गोरवे,
बीरा नितरा करो रे स्नान।
भादरवा री बीज ने तो,
हुआ दो अवतार,
एक रूनीचे रामदेव,
बीजा अम्बापुर आई मात।
ओ मावडी बिलाड़ा नगरी में,
थारो बेसनो,
ओ मावडी बिलाड़ा नगरी में,
थारो बेसनो,
ओ थारा टाबरीया जोवे,
ओ थारी बाट,
आवेनी बिलाड़ा री मात,
पधारे नी मारे आंगने।।
ए माजी कठे जायाने कठे उपज्या,
ए माजी कठे जायाने कठे उपज्या,
ए माजी कठोडा मे लियो अवतार,
बिलाड़ा वाली माँ,
आवोनी मारे आंगने।।
ए माजी कोठा जायाने बूटी उपज्या,
ए माजी कोठा जायाने बूटी उपज्या,
ओ माजी बिलाड़ा मे लियो विश्राम,
आ जीजी मारी मात,
पधारेनी मारे आंगने।।
ओ माजी आवोनी पधारो मारे आंगने,
ओ माजी आवोनी पधारो मारे आंगने,
ए माडी सीरवी कुल तो जोवे थारी बाट,
आवेनी आईमात,
राखेनी मारी लाज,
पधारो नी मारे आंगने।।
ओ माजी अम्बापुर सु देखो बीरा चालीया,
ओ माजी अम्बापुर सु थेतो बीरा चालीया,
अरे एतो आया आया नारलाई रे माय,
ए अखण्ड जगाई माँ,
ए जोत जगाई माँ,
पधारो मारे आंगने।।
ए माजी नारलाई सु देखो बीरा चालीया,
ओ माजी नारलाई सु थेतो माजी चालीया,
अरे एतो आया आया डायलाणा रे माय,
हलीया रो बडलो बनाय,
आ करदी ठंडी छाव,
बिलाड़ा वाली मावडी।।
ए माजी भेसाणा नगरी मायने आविया,
ए माजी भेसाणा नगरी रे माई आविया,
ए माँ भैसो रा जटे,
पत्थर बनाय,
आवोनी मारे आंगने।।
ए माजी सोजत री नगरी रे मायने आविया,
ओ माजी सोजत री नगरी में थेतो आविया,
ए जटे मालन ने,
सोने रो बाग बनाय,
आ करदी ठंडी छाव,
आवोनी मारे आंगने।।
ओ माजी बिलाड़ा नगरी रे मायने आविया,
ओ माजी बिलाड़ा नगरी रे माई आविया,
जटे सुतो वेतो रे,
जीवन आविया,
जटे सुतो वेतो रे,
जीवन आविगा,
ए थाने जीजी बाई,
बुलाने थाने आज,
आवेनी जीवन आज,
पधारे नी मारे आंगने।।
ए माजी भगा रे बाबा री सुनजो विनती,
ओ माजी भगा रे बाबा री सुनजो विनती,
ए थारा भगत गावे ओ गुण गान,
आवोनी बिलाड़ा री मात,
पधारो नी मारे आंगने।।
गायक – मुकेश जी नायक।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818