ओ मारी मैया सुणलो मारे,
काली गाड़ी लाणी जी।
शेरा पे सवार मैया,
भक्ता री रखवाल मैया,
घाटा में दरबार,
मावड़ी आवेला जी आवेला।।
ओ मारी मैया सुणलो मारे,
काली गाड़ी लाणी जी,
घणा गरीबा रो भाग जगायो,
अब तो बारी मारी जी,
बिजनेस चाले नाम थारे,
सर पे रख दो हाथ मारे,
खड़ा हां दरबार,
मावड़ी आवेला जी आवेला।।
रंग बिरंगी चुनर मैया,
माय सितारा चमके जी,
रेशम वाली काचली मैया,
घैर घुमालो लेहंगो जी,
कर सोलह सिंगार हाथा,
खड़क खांडा धार,
माता कुमकुम पगलिया मांड,
मावड़ी आवेला जी आवेला।।
माथा ऊपर रखड़ी सोवे,
नाका नथनी पलके जी,
हिवड़ा माथे हार हाकली,
हीरा और जडाया जी,
चुडला री खणकार पग में,
पायल री छणकार,
मैया बिछिया री झंकार,
मावड़ी आवेला जी आवेला।।
ऊंचा ऊंचा मंगरा माय,
मोटो महल बनायो जी,
सेवा पूजा करू चाकरी,
चरणा में माने राखो जी,
भगता री अरदास सुणता,
डोला री ढमकार,
सुणता धुपा री महकार,
मावड़ी आवेला जी आवेला।।
मेवा मिठाई चटक चूरमो,
थाली भरने लाया जी,
भगता रि या अर्ज विनती,
रूच-रूच भोग लगावो जी,
भगत खड़ा दरबार,
गावे अनंत लोहार,
लिखे केशु बारंबार,
मावड़ी आवेला जी आवेला।।
गायक – अनंत लोहार।
लेखक – केशु लाल लोहार।
9784293640