ओ श्याम जी हमें ना भुलाना,
अपनी शरण में दे दो ठिकाना,
मैं भटक गया था,
कुछ उलझ गया था,
मैंने देख लिया ये ज़माना,
ओ श्याम जी हमे ना भुलाना,
अपनी शरण में दे दो ठिकाना।।
तर्ज – ओ राम जी बड़ा दुख दीना।
प्रीत ये दुनिया जाने सारी,
तू दाता है मैं हूँ भिखारी,
मुझे आना था इधर,
मैं तो भूला डगर,
अब पड़ रहा मुझे पछताना,
हमे ना भुलाना,
अपनी शरण में दे दो ठिकाना,
ओ श्याम जी हमे ना भुलाना,
अपनी शरण में दे दो ठिकाना।।
मेरा चंचल मन भरमाया,
सुख छोड़ा है दु:ख अपनाया,
है ये दुनिया निगोढ़ी,
आजमा कर छोड़ी,
इस भँवर बीच नहीं रहना,
हमे ना भुलाना,
अपनी शरण में दे दो ठिकाना,
ओ श्याम जी हमे ना भुलाना,
अपनी शरण में दे दो ठिकाना।।
तेरे दर से अब ना जाऊं,
ज़िद अपनी मैं खूब निभाऊं,
मैंने ली है कसम,
मेरे साँवरे सनम,
तुझे छोड कभी ना जाना,
हमे ना भुलाना,
अपनी शरण में दे दो ठिकाना,
ओ श्याम जी हमे ना भुलाना,
अपनी शरण में दे दो ठिकाना।।
ओ श्याम जी हमें ना भुलाना,
अपनी शरण में दे दो ठिकाना,
मैं भटक गया था,
कुछ उलझ गया था,
मैंने देख लिया ये ज़माना,
ओ श्याम जी हमे ना भुलाना,
अपनी शरण में दे दो ठिकाना।।
गायन / लेखन – मुकेश कुमार जी।
9660159589
संगीत – मयूर पांडेय जी।