ओलु घनी आवे नारायण,
नींद कोनी आवे,
सुती का सपना में,
झालर बाजे रे,
ना रे थारी ओलु घनी आवे।।
गढ़ रे अयोध्या नगरी में,
नारायण जन्म तुम्हारो,
माता कौशल्या को,
लाल कवायो रे नारायण,
ओलु घनी आवे रे।।
गढ़ रे रुणीजा नगरी में,
नारायण जन्म तुम्हारो,
माता मेणा दे को,
लाल कवायो रे नारायण,
ओलु घनी आवे रे।।
अरे गढ़ रे गोकुल में,
नारायण जन्म तुम्हारो,
माता यशोदा को,
लाल कवायो रे नारायण,
ओलु घनी आवे रे।।
अरे गढ़ रे मालासर में,
नारायण जन्म तुम्हारो,
माता साडू जी को लाल,
कवायो रे नारायण,
ओलु घनी आवे रे।।
अरे देव रे मंडल की,
नारायण सुनो विनती,
सारे मोती गुर्जर,
शरणे आयो रे नारायण,
ओलु घनी आवे रे।।
ओलु घनी आवे नारायण,
नींद कोनी आवे,
सुती का सपना में,
झालर बाजे रे,
ना रे थारी ओलु घनी आवे।।
प्रेषक – मोतीलाल चांदना किशनगढ़
Mo. 9521785317