ओम जय क्षिप्रा मैया,
श्लोक – ओम पय:स्वतीय विद्महे,
उत्तर वाहिनी धीमहि,
तन्नो मां क्षिप्रा प्रचोदयात्।
ओम जय क्षिप्रा मैया,
मैया जय क्षिप्रा मैया,
तुम हो मोक्ष प्रदायिनी,
पय:स्वती मैया,
ॐ जय क्षिप्रा मैया।।
जिस पर कृपा तुम्हारी,
आनंद वही पाता,
भक्ति इसी जगत में,
वो नर पा जाता,
ॐ जय क्षिप्रा मैया।।
जो जन पितरो का तर्पण,
तेरे तट करता,
पितृ वही सहज में,
मुक्ति को पाता,
ॐ जय क्षिप्रा मैया।।
बारह बरस में मैया,
लगें कुम्भ मैला,
संत समागम होता,
पुण्य घड़ी बैला,
ॐ जय क्षिप्रा मैया।।
मन निर्मल हो जाता,
शरण तेरी जो आता,
पावन महिमा तेरी,
नागर है लिखता,
ॐ जय क्षिप्रा मैया।।
आरती मात तुम्हारी,
भाव से जो गाता,
महाकाल की नगरी में,
जन्म वही पाता,
ॐ जय क्षिप्रा मैया।।
ॐ जय क्षिप्रा मैया,
मैया जय क्षिप्रा मैया,
तुम हो मोक्ष प्रदायिनी,
पय:स्वती मैया,
ॐ जय क्षिप्रा मैया।।
स्वरचित – पंडित मनोज नागर।
9893377018