ॐ जय श्री बाबोसा,
बोलो जय श्री बाबोसा,
चूरू धाम में विराजत,
रूप हनुमत सा,
ॐ जय श्रीं बाबोसा।।
शीश मुकुट कानो में कुंडल,
लीले असवारी,
करे लीले असवारी,
हाथ में घोटा सोहे,
छवि लागे प्यारी,
ॐ जय श्रीं बाबोसा।।
कोठारी कुल के तुम दीपक,
माँ छगनी नंदन,
बाबोसा माँ छगनी नंदन,
श्री घेवर चंद के दुलारे,
हो भय दुख भंजन,
ॐ जय श्रीं बाबोसा।।
माघ शुक्ल की पँचम,
जन्मे चूरू धाम,
बाबोसा जन्मे चूरू धाम,
परिजन मिलकर जिनको,
दिया था पन्ना नाम,
ॐ जय श्रीं बाबोसा।।
भादव शुक्ल की पंचमी,
स्वर्ग किया प्रस्थान,
बाबोसा स्वर्ग किया प्रस्थान,
मिंगसर शुक्ल की पाँचम,
बने बाबोसा भगवान,
ॐ जय श्रीं बाबोसा।।
हनुमत के मन भाये,
हो बाल बह्मचारी,
तुम बाल बह्मचारी,
भक्तो के हितकारी,
तुम कलयुग अवतारी,
ॐ जय श्रीं बाबोसा।।
परम आराधिका मंजू बाईसा को,
दी ऐसी सौगात,
बाबोसा दी ऐसी सौगात,
भक्तो का कल्याण वो कर रही,
बाईसा दिन रात,
ॐ जय श्रीं बाबोसा।।
इस कलयुग में बाबोसा की,
महिमा है न्यारी,
हो महिमा है न्यारी,
तांती भभूति जल से मिट जाये,
विपदाएं सारी,
ॐ जय श्रीं बाबोसा।।
आरती बाबोसा की ‘दिलबर’,
जो कोई गावे,
बाबोसा जो कोई गावे,
कहत श्री मंजू बाईसा,
हर संकट टल जावे,
ॐ जय श्रीं बाबोसा।।
ॐ जय श्री बाबोसा,
बोलो जय श्री बाबोसा,
चूरू धाम में विराजत,
रूप हनुमत सा,
ॐ जय श्रीं बाबोसा।।
गायक – श्री हर्ष व्यास मुम्बई।
लेखक / प्रेषक – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
9907023365