पा के सुंदर बदन,
कर प्रभु का भजन,
जिंदगानी का कोई भरोसा नहीं,
जो भी आया यहां उसको जाना पड़े,
दुनिया फानी का कोई भरोसा नहीं।।
तर्ज – हाल क्या है दिलों का ना पूछो
बालपन खेल और कूद में खो दिया,
फिर जवानी का आसार आने लगा,
ऐसी सुन्दर घडी कर कमाई भली,
नौजवानी का कोई भरोसा नहीं,
पाकर सुंदर बदन,
कर प्रभु का भजन,
जिंदगानी का कोई भरोसा नहीं।।
अरबो वाले गए खरबो वाले गए,
कितने गोली व गोले रिसाले गए,
कितने राजा गए कितनी रानी गई,
राजधानी का कोई भरोसा नहीं,
पा के सुन्दर बदन,
कर प्रभु का भजन,
जिंदगानी का कोई भरोसा नहीं।।
श्रेष्ठ जीवन बना कर सभी का भला,
तेरे जीवन में सुख शांति आ जाएगी,
गर करेगा भला तेरा होगा भला,
बदगुमानी का कोई भरोसा नहीं,
पा के सुन्दर बदन,
कर प्रभु का भजन,
जिंदगानी का कोई भरोसा नहीं।।
खाली हाथो जहाँ से सिकंदर गया,
सब खजाने की चाबी धरी रह गई,
वैद लुकमान को भी क़ज़ा खा गई,
लाभ हानि का कोई भरोसा नहीं,
पा के सुन्दर बदन,
कर प्रभु का भजन,
जिंदगानी का कोई भरोसा नहीं।।
पा के सुंदर बदन,
कर प्रभु का भजन,
जिंदगानी का कोई भरोसा नहीं,
जो भी आया यहां उसको जाना पड़े,
दुनिया फानी का कोई भरोसा नहीं।।