पाग टेढ़ी सी धरे,
वा में मोती लटकन,
डाले ब्रज कुंजो में,
झूम के राधा रमन।।
कारी कजरारी सी,
जादू की पिटारि पलकें,
उसपे मद होश भरे,
हाय तेरे तिरछे नयन,
पाग टेढ़ी सी धरें,
वा में मोती लटकन,
डाले ब्रज कुंजो में,
झूम के राधा रमन।।
मुस्कुराते हो तो,
जी उठते हैं मरने वाले,
मुस्कुराहट ही तेरी,
करती है जीते जी मरन,
पाग टेढ़ी सी धरें,
वा में मोती लटकन,
डाले ब्रज कुंजो में,
झूम के राधा रमन।।
पाग टेढ़ी सी धरे,
वा में मोती लटकन,
डाले ब्रज कुंजो में,
झूम के राधा रमन।।
स्वर – दृष्टि शर्मा।
प्रेषक – चरनजीत
8295844424